बहुव्रीहि समास का अर्थ
[ bhuverihi semaas ]
बहुव्रीहि समास उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- छः प्रकार के समासों में से एक :"बहुव्रीहि में दो या अधिक पदों के मिलने से जो पद बनता है वह किसी अन्य पद का विशेषण होता है"
पर्याय: बहुव्रीहि, बहुव्रीहि-समास, बहुव्रीहिसमास, बहुब्रीहि, बहुब्रीहि-समास, बहुब्रीहि समास, बहुब्रीहिसमास
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- कर्मधारय और बहुव्रीहि समास में अंतर [ संपादित करें]
- 5 . 1 कर्मधारय और बहुव्रीहि समास में अंतर
- व्यधिकरण बहुव्रीहि समास हैं और वाट शब्द का अर्थ क्षेत्र रक्षा के लिए बनी
- कर्मधारय और बहुव्रीहि समास में अंतर- कर्मधारय में समस्त-पद का एक पद दूसरे का विशेषण होता है।
- जिस समास के दोनों पद अप्रधान हों और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
- जिस समास के दोनों पद अप्रधान हों और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
- ५ . बहुव्रीहि समास :- जिस समास में शाब्दिक अर्थ को छोड़ कर अन्य विशेष का बोध होता है ,उसे बहुव्रीहि समास कहते है ।
- ५ . बहुव्रीहि समास :- जिस समास में शाब्दिक अर्थ को छोड़ कर अन्य विशेष का बोध होता है ,उसे बहुव्रीहि समास कहते है ।
- ५ . बहुव्रीहि समास :- जिस समास में शाब्दिक अर्थ को छोड़ कर अन्य विशेष का बोध होता है ,उसे बहुव्रीहि समास कहते है ।
- बहुव्रीहि समास जिस समास के दोनों पद अप्रधान हों और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।